‘Backhoe Loader’ मशीन जिसे हम JCB के नाम से जानते है, यह दोनों तरफ से काम करती है।
आपने अक्सर ही कंस्ट्रक्शन साइट्स, प्लांट्स, कारखाने और भी कई जगहों पर पिले रंग के बड़े साइज के मशीन को देखा ही होगा जिसे सब JCB के नाम से जानते है। खास बात यह है कि आपने इसे जंहा भी देखा होगा पिले रंग में ही देखा होगा। क्या है इसके पिले रंग के होने की वजह चलिए जानते है।
JCB मशीन का वास्तविक नाम
जिस मशीन को हम JCB के नाम से जानते है दरअसल वह मशीन का नहीं बल्कि उस कंपनी का नाम है जो करीब 80 साल से कंस्ट्रक्शन साइट के लिए इस्तेमाल होने वाली मशीनों को बनाती है।खुदाई करने वाली इस मशीन को बैकहो लोडर ‘Backhoe Loader’ कहते हैं।
आखिर JCB मशीन का रंग पीला क्यों
JCB ने पहला बैकहो लोडर 1953 में बनाया था। उस समय यह नीले और लाल रंग में आती थी। फिर अपग्रेड करते हुए साल 1964 में एक बैकहो लोडर बनाया गया और इसे पीला रंग दिया गया। इसके बाद से ही मशीन को लगातार पीले रंग में रंगा गया।
JCB या क्रेन या फिर कंस्ट्रक्शन साइट पर इस्तेमाल होने वाली इन मशीनों के पीला होने की एक वजह है। इस रंग के जरिए यानी JCB से खुदाई वाली जगह (लोकेशन) आसानी से दिख जाती है। फिर चाहे दिन हो या रात। आसान भाषा में समझें तो इन मशीनों का पीला रंग सिर्फ सिक्योरिटी को देखते हुए किया गया जो आज भी जारी है।
यह मशीन दोनों तरफ से काम करती है। इसे चलाने का तरीका भी अलग होता है जो लीवर्स के जरिए हैंडल किया जाता है। इसमें एक साइड के लिए स्टेयरिंग लगी होती है जबकि दूसरी तरफ के लिए क्रेन की तरह लीवर लगे होते है। मशीन में एक तरफ लोडर लगा होता है, जो बड़ा वाला हिस्सा होता है। इससे कोई भी सामान उठाया जा सकता है, जैसे कहीं काफी मिट्टी पड़ी है तो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।