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रजिस्ट्री और पट्टे वाली जमीन में क्या है अंतर

आपको जमीन खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए जैसे की रजिस्ट्री और पट्टे वाली जमीन में क्या फर्क होता है।

भारत में लोग जमीन को निवेश के नजरिये से भी खरीदते है क्योकि ज़मीन का भाव समय के साथ बढ़ता ही रहता है

एक निवेशक के तौर पर आपको जमीन में निवेश करने से पहले यह जरूर जान लें की आप जिस जमीन में निवेश कर रहे हैं वो जमीन पट्टे वाली , नोटरी वाली है या फिर रजिस्ट्री वाली है। आइये समझते है

रजिस्ट्री वाली जमीन


रजिस्ट्री वाली जमीन व्यक्ति की व्यक्तिगत जमीन होती है जो वह व्यक्ति किसी को भी बेच सकता है और ट्रांसफर भी कर सकता है।
इसमें सरकार का कोई अधिकार नहीं होता

पट्टे वाली जमीन

पट्टे वाली जमीन सरकार अपने योजनाओं और स्थितियों को ध्यान में रख कर लोगों को जमीन का पट्टा देती है। और यंहा ज़मीन उसी को दी जाती है जिसके पास ज़मीन नहीं होती है। इस तरह की ज़मीन पर सरकार का ही अधिकार होता है पट्टा मिलने वाला परिवार उस जमीन का मालिक नहीं हो जाता। वो व्यक्ति ना तो इस जमीन को बेच सकता है और ना ही इसे किसी ओर के नाम पर ट्रांसफर कर सकता है। आपको बता दें कि सरकार की ओर से कुछ तय समय के लिए उस व्यक्ति को पट्टा दिया जाता है।