जमीन की रजिस्ट्री एक बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेजे है इसलिए लोग इस पर अधिक ध्यान देते हैं लेकिन इसके साथ एक और कागज है जिसके बारे में लोग जानते हुए भी लापरवाही दिखाते हैं। वो कागज है दाखिल-खारिज या म्यूटेशन ऑफ प्रॉपर्टी (Mutation of Property) की।
क्या होता है दाखिल-खारिज और ये जरुरी क्यों होता है। दाखिल-खारिज वो दस्तावेज है जिससे आपकी प्रॉपर्टी को किसी समस्या में फसने से बचने में मदत मिलती है। अगर आपकी प्रॉपर्टी का दाखिल-खारिज हो गया है तो इसका मतलब यह हुआ की किसी को इसपर आपत्ति नहीं है कि आपने वह जमीन या घर खरीद लिया है।
सोचिये आपने एक जमीन खिरीदी वही जमीन आपसे पहले और कई लोगो के पास रही होगी अब अगर इनमें से एक भी शख्स ने कोर्ट में जाकर आपके खिलाफ मुकदमा दायर किया कि वह इस खरीद-बिक्री के खिलाफ है और आपके पास दाखिल-खारिज दस्तावेज नहीं हुए तो आपके लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी। दाखिल-खारिज नहीं होने का मतलब है कि उस जगह पर कोई विवाद चल रहा था और जिसने आपको जमीन बेची उसने पुराने मालिक के साथ धोखाधड़ी की है, और दाखिल-खारिज होने का मतलब है की दस्तावेजों में प्रॉपर्टी का टाइटल चेंज हो गया है और अब आप उसके कानूनी रूप से सही मालिक हैं।
रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज
रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज दोनों अलग अलग दस्तावेज है। रजिस्ट्री में प्रॉपर्टी को नए खरीदार को ट्रांसफर किया जाता है वही इसमें रजिस्ट्रेशन चार्ज के साथ स्टैंप ड्यूटी देनी होती है लेकिन म्यूटेशन या दाखिल-खारिज कुछ महीनों बाद नगर निगम के दफ्तर में होता है और इसके रिकॉर्ड देख कर आप जमीन के पुराने मालिक का पता लगा सकते है।