जी हां कोलकाता में भारत का पहला अंडरवाटर रिवर टनल मेट्रो रेल का निर्माण किया जा रहा है।
पर्यवेक्षक मिथुन घोष के अनुसार स्टेशन का निर्माण हुगली नदी के नीचे 33 मीटर की गहराई पर किया जा रहा है।साथ ही यह एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा। एशिया का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन हांगकांग में है, जिसकी गहराई करीब 60 मीटर है. यानी हांगकांग के बाद हावड़ा स्टेशन एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा. 80% काम पूरा हो गया है जबकि 20% अभी पूरा होना बाकी है। यह 2023 तक काम करना शुरू कर देगा।
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो अंडरग्राउंड ट्विन टनल प्रोजेक्ट कोलकाता, भारत में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो प्रोजेक्ट का 10.8 किमी लंबा अंडरग्राउंड सेक्शन है। इस खंड में दो भूमिगत जुड़वां मेट्रो रेल सुरंग शामिल हैं, एक पूर्व-बाउंड और एक पश्चिम-बाउंड। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर परियोजना कोलकाता और हावड़ा के दो शहरों को जोड़ने वाली लगभग 16 किलोमीटर की निर्माणाधीन मेट्रो रेल लाइन है।गलियारे का ऊंचा खंड 5.8 किमी की लंबाई को कवर करेगा।
इसमें हावड़ा स्टेशन के बाद का रास्ता हुगली नदी के नीचे से होते हुए कोलकाता के महाकरण (राइटर्स) मेट्रो स्टेशन तक पहुंचेगा.इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे, जिसमें हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, महाकरण, एस्प्लेनेड, सियालदह व फूलबागान स्टेशन जमीन के नीचे होंगे, जबकि साल्टलेक स्टेशन, बंगाल केमिकल, सिटी सेंटर, सेंट्रल पार्क, करुणामयी व साल्टलेक सेक्टर-5 स्टेशन एलिवेटेड होगा. बता दें कि इसमें साल्टलेक सेक्टर-5 से फूलबागान तक मेट्रो सेवा पहले ही शुरू हो चुकी है. वहीं, फूलबागान से सियालदह स्टेशन तक इसी महीने के अंत तक मेट्रो सेवा शुरू होने की उम्मीद है. जिसके बाद सबसे व्यस्त स्टेशनों में शुमार सियालदह भी मेट्रो सेवा से सीधे जुड़ जाएगा.
जैसा की अधिकारियों ने बताया कि हावड़ा मेट्रो स्टेशन की लंबाई 230 मीटर जबकि चौड़ाई 32 मीटर होगी. इसमें दो निकासी द्वार होंगे. मुख्य निकासी द्वार हावड़ा स्टेशन के 16 नंबर प्लेटफार्म के पास ठीक नीचे होगा. यहीं से यात्री मेट्रो में प्रवेश करेंगे. यह निकासी द्वार 100 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़े सबवे से जुड़ा होगा। सबवे से ही यात्री स्वचालित सीढ़ी और लिफ्ट के माध्यम से मेट्रो स्टेशन के प्लेटफार्म पर जा सकेंगे.