अगर आप कार लोन, होम लोन ईएमआई EMI कराने वाले है इंश्योरेंस खरीद रहे हैं, म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। तो आपसे कैंसिल चेक मांगा जाता है. इस चेक से फंड ट्रांसफर नहीं होता है, फिर भी इसकी जरूरत ज्यादातर फाइनेंशियल कामों में होती है.बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी देने के बावजूद कैंसिल चेक मांगने का कारण है इसका इस्तेमाल केवल आपके अकाउंट को वेरिफाई करने के लिए किया जाता है.
कैंसिल चेक पर साइन करने की जरूरत नहीं होती है. इसपर आपको केवल कैंसिल लिखना होता है. इसके अलावा चेक पर क्रॉस मार्क बनाया जा सकता है. यह आपके अकाउंट को वेरिफाई करता है. अगर आपने किसी संस्थान को X बैंक का कैंसिल चेक दिया तो इसका मतलब यह हुआ कि आपका उस बैंक में खाता है. चेक पर आपका नाम हो भी सकता है और नहीं भी हो सकता है. आपका अकाउंट नंबर लिखा होता है और जिस ब्रांच में अकाउंट है, उसका IFSC कोड लिखा होता है.
जब आप कार लोन, पर्सनल लोन, होम लोन इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हैं तो लेंडर्स आपसे कैंसिल चेक मांगते है. ऐसा आपके अकाउंट को वेरिफाई करने के लिए किया जाता है. अगर प्रोविडेंट फंड से ऑफलाइन पैसा निकालते हैं तो कैंसिल चेक की जरूरत होती है. अगर म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो कंपनियां कैंसिल चेक की जानकारी मांगती हैं.
कैंसिल चेक देते समय सावधानी
कैंसिल चेक बेकार है, ये सोचकर किसी को भी नहीं दे देना चाहिए. कैंसिल चेक पर आपके बैंक खाते से जुड़ी अहम जानकारी होती है. इसका इस्तेमाल गलत तरीके से आपके खाते से पैसे निकालने के लिए हो सकता है. ऐसे में साइन किया हुआ चेक कभी भी कैंसिल कर नहीं दें.
सामान्यतः इन कामो में कैंसिल चेक की आवश्यकता होती है
ईपीएफ का पैसा निकालने के लिए
डीमैट खाता खुलवाने के लिए
बैंक से लोन पाने के लिए
बीमा खरीदने के लिए
म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए
ईएमआई भरने के लिए