हुआ बेटे का जन्म जो खुशहाली थी पूरे घर में छाई,
लोग भर-भर कर दे रहे थे चारो ओर से ढेरों बधाई!
माता-पिता ने बड़े धूमधाम से की उसकी पहली मुहंजुठाई,
हुई वंश की वृद्धि जो आया घर में बड़ी बहन का भाई!
हुआ पाँच बरस का बेटा अब उसे करनी थी पढ़ाई,
बड़ी बहन को कहती दादी तू भी सीख ले बुनाई-कढ़ाई!
कभी नहीं रहता घर में चाहे जितना भी डांटती माई,
रोज सुबह उठकर वो करता वह बेवजह बड़ी बहन से लड़ाई!
जब-जब वो अव्वल आता पूरे मुहल्ले में बंटती मिठाई,
बहन को चिढ़ाने पर भी कभी किसी ने उसको डांट न लगाई!
दिन बीता और हो गयी धूमधाम से बड़ी बहन की सगाई,
अश्रुपूर्ण नेत्रों से कहा माता ने बेटी अब तो तू हुई पराई!
फिर दिन-रात मेहनत करके पिता ने बेटे की नौकरी लगवाई,
बिन बोले माता-पिता को पुत्र करवाके लाया बहु की बिदाई!
बहु निकली मुँहजोर रोज कहती माँ ने ज्यादा मिठाई खाई,
हुआ वज्रपात दम्पति पर जो बेटे ने भी खरी-खोटी सुनाई!
सुन पिता का निधन हुआ और माता पर घोर विपदा आई,
बहु ने फिर भी आरोप लगाया मां ने ही मेरी अंगुठी चुराई!
बेटे ने ज्यों निकाला मां को मां ने अश्रु की लड़ी लगाई,
यह सब खड़ा देख रहा पोते के मन एक बात ने जोर लगाई!
बड़े प्यार से पूछा उसने पिताजी क्या इसमें नहीं कोई बुराई?
जो कर रहे हो दादी पर दोनो मिलकर इतनी जोर-आजमाई!
फिर बदल कर बड़े रोस से कहा पिता से करते हुए ढिठाई,
करूंगा यही मैं जब होगी मेरी बीबी की मुंहदिखाई!
जो बात उसे बतानी थी वह उसके पुत्र ने ही सिखाई,
गिर पैरों पर माँ के उसने बीबी से भी माफी मंगवाई!
दादी के प्रति प्रेम देखकर माता ने ली पुत्र की बलाई,
रोते हुए उसने सास को देखा और फिर बार-बार पछताई!
माता ने भी दिया क्षमा दान और बहु को गले लगाई,
पोते को कर स्नेह दादी ने प्यार से दी मीठी झिड़काई !
Nice poem
Thank you neha😊
Wah bohot khub 👏👏👌👌👌
Thank you 😊
Wow😮…
Its the poem of life of normal Indian. Very good rhyming. Heading of the poem is also very matching. Good writing.
Thank you so much sir 🙏
Hmesa k jaise hi… apratim
Bahut Bahut abhar 😊
Lovely one
Thank you 😊
Bhut khub
Thanks 😊
Wow ……. Superbbb penmanship……you show the mirror to the society….👌👌👌👌👏👏👏👏 good job sister…..
Thank you so much bhaiya😊😊
The poem is well written. The title of the poem is very good. The composition of the poem is praise worthy. Look forward.
The poem is well written. The title of the poem is very good. The composition of the poem is praise worthy. Look forward.
Thank you so much sir 😊
Very beautiful thinking yaar..samaj ko sikh ..
बहुत बहुत आभार आपका ज्योति जी 😊